आवश्यक वस्तु विनियमन एवं प्रवर्तन
- आवश्यक वस्तु की संज्ञा किस वस्तु को दी गई है?
आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में शामिल की गई कोई वस्तु, इस अधिनियम तथा चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1980 के तहत आवश्यक वस्तु है।
- क्या सभी आवश्यक वस्तुओं को स्टॉक सीमा और जमाखोरी के तहत कवर किया गया है?
जी, नहीं। किसी स्टॉक को जमाखोरी के रूप में परिभाषित करने के लिए, राज्य सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत स्टॉक सीमा आदेश जारी करने होते हैं। आदेश में कवर की गई किसी वस्तु की कोई मात्रा, यदि उस आदेश के उल्लंघन में पायी जाती है तो उसे जमाखोरी के रूप में परिभाषित किया जाता है। यदि कोई स्टॉक सीमा नहीं लगाई हों, तो उस वस्तु में जमाखोरी का कोई प्रश्न नहीं उठता।
- क्या आवश्यक वस्तुओं के संचालन, वितरण और व्यापार में किसी प्रकार के अंतर-राज्यीय प्रतिबंध हैं?
जी, नहीं। संघ सरकार के दिनांक 15.02.2002 के आदेश के अनुसार, आवश्यक वस्तु अधिनियम में प्रदान किए गए अधिकारों के तहत आवश्यक वस्तुओं के व्यापार पर सभी प्रकार के प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। यदि कोई अन्य अधिनियम में किसी प्रतिबंध का उपबंध है, तो मामले को संबंधित अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निपटाया जाता है।
- क्या केंद्रीय सरकार आवश्यक वस्तुओं पर स्टॉक सीमा निर्धारित करती है?
जी, नहीं। जब कभी किसी आवश्यक वस्तु की अनुचित मूल्य वृद्धि को रोकने के पर्याप्त कारण होते हैं, संघीय सरकार, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आदेश अधिसूचित करके, राज्य सरकारों और संघ शासित क्षेत्रों को स्टॉक सीमा निर्धारित करने और संघीय सरकार के अनुमोदन के पश्चात् अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाती है।
- क्या राज्य आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत मामलों पर सुनवाई करने केलिए विशेष न्यायालयों का गठन कर सकते हैं?
जी, हां। राज्यों को किसी भी प्रकार के अपराधों के लिए उच्च न्यायालय के परामर्श से विशेष न्यायालय गठित करने के अधिकार प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त, किसी भी विद्यमान न्यायालय को आवश्यक वस्तुओं के लिए विशेष न्यायालय के रूप में पदनामित किया जा सकता है। तथापि, यदि किसी राज्य में ऐसे किसी न्यायालय की आवश्यकता होती है और वे केंद्र सरकार से परामर्श चाहते हैं, तो केंद्र सरकार से अनुमोदन के लिए एक प्रस्ताव भेजा जा सकता है।
- क्या किसी आवश्यक वस्तु की कृत्रिम कमी को केंद्रीय सरकार द्वारा रोका जाना अपेक्षित है?
जी, हां। कानून एवं व्यवस्था, राज्य का विषय है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई राज्य, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कोई सांविधिक आदेश जारी करना चाहता है, तो वह दिनांक 09 जून, 1978 को प्रदत्त अधिकारों के तहत संघ सरकार से अनुमोदन के लिए एक प्रस्ताव भेज सकता है।
- आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और चोरबाजारी के विरूद्ध शिकायतों के लिए किसी प्राधिकरण में जाना चाहिए?
आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत, जिलाधीश, पुलिस आयुक्त, राज्य/संघ शासित क्षेत्र के संबंधित विभाग के सचिव अथवा राज्य द्वारा अधिसूचित कोई अन्य प्राधिकरण, जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष ऐसी शिकायतें प्रस्तुत/भेजी जा सकती हैं। पुलिस महानिदेशक, राज्य के मुख्य सचिव के समक्ष भी ऐसी शिकायतें प्रस्तुत/भेजी जा सकती हैं।
- क्या आवश्यक वस्तुओं के संबंध में अधिकतम खुदरा मूल्य लागू होता है?
जी, हां। शीघ्र नष्ट न होने वाली वस्तुओं के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य निर्धारित होता है। शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं के मामले में, राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को उत्पादक/विनिर्माता के बिक्री मूल्य और खुदरा कीमतों के बीच न्यूनतम अंतर सुनिश्चित करने के लिए कीमतों को विनियमित करना होता है।
- क्या आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1981 अभी भी प्रभावी है?
जी, नहीं। विशेष उपबंध अधिनियम, केवल आरम्भ में पांच वर्षों के लिए प्रभावी था। इसे 15 वर्षों तक प्रभावी बनाने के लिए इसकी अवधि को दो बार बढ़ाया गया था। इस प्रकार, 16.09.2006 से यह अधिनियम प्रभावी नहीं है, तथापि, इसे किसी निरसन अधिनियम के तहत, निरस्त नहीं किया गया है, इसे सामान्य खंड अधिनियम, 1887 की धारा 6 के तहत एक केंद्रीय अधिनियम के द्वारा निरस्त माना जाता है।
- इन अधिनियमों के कार्यान्वयन की रिपोर्ट कहां से प्राप्त की जा सकती हैं?
भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाईट के अधिनियम और नियम टैब में आवश्यक वस्तु विनियमन और प्रवर्तन के तहत राज्यवार रिपोर्ट उपलब्ध हैं। किसी विशिष्ट राज्य के संबंध में रिपोर्ट संबंधित विभाग के सचिव/विशेष सचिव से प्राप्त की जा सकती हैं। किसी विशिष्ट जिला के संबंध में रिपोर्ट संबंधित जिला के जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी/जिलाधीश/जिला आयुक्त, जैसा भी मामला हो, से प्राप्त की जा सकती हैं।