क. मूल्य निगरानी प्रभाग (पीएमडी)
उपभोक्ता मामले विभाग में मूल्य निगरानी प्रभाग (पीएमडी) चयनित आवश्यक वस्तुओं की मूल्य निगरानी के लिए उत्तरदायी है। प्रभाग की गतिविधियों में दैनिक आधार पर खुदरा और थोक की निगरानी, तथा चयनित आवश्यक वस्तुओं की स्पॉट एवं भावी कीमतों की निगरानी शामिल है। वेबसाइट पर प्रतिदिन कीमतों की सूचना दी जाती है। साथ ही नीति निर्माताओं को दैनिक आधार पर मूल्य की स्थिति के संबंध में जानकारी देने के लिए मूल्य रिपोर्ट की हार्ड कापी का सीमित परिचालन किया जाता है। मूल्य निगरानी प्रभाग मूल्य की स्थिति का विश्लेषण करता है और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता में अवांछित कमी को रोकने के लिए उचित समय पर नीतिगत हस्तक्षेप करने में सहायता करने के लिए निवारक उपाय करने के लिए समय-पूर्व प्रतिक्रिया देता है। किसी विशिष्ट आवश्यक वस्तु की कमी की स्थिति में और वस्तु की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए मूल्य निगरानी प्रभाग उपभोक्ताओं को अस्थायी राहत देने के लिए वस्तु विशिष्ट बाजार हस्तक्षेप योजनाओं को भी लागू करता है।
ख. मूल्य निगरानी
देश के उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले देश भर में फैले 505 बाजार केंद्रों से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर, बाइस आवश्यक वस्तुओं (चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, तूर (अरहर) दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पॉम आयल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टमाटर और नमक) की कीमतों की निगरानी की जाती है। वस्तु जिसके लिए कीमतों की सूचना दी जाती है, की गुणवत्ता और किस्म अलग-अलग केन्द्रों के लिए भिन्न हो सकती है किन्तु किसी दिए गए केन्द्र के लिए समान रहती है। आमतौर पर, किसी दिए गए केन्द्र के लिए वस्तुओं की उचित औसत गुणवत्ता के लिए कीमतों की सूचना दी जाती है। प्रत्येक केन्द्र में उस वस्तु, जिसके लिए उनके द्वारा कीमतों की सूचना दी जाती है का एक मानक गुणवत्ता और वस्तु की किस्म होती है। डेटा फीडिंग नेटवर्क और कीमतों का डेटा बेस (दैनिक मूल्य डेटा) मूल्य निगरानी प्रभाग के पर्यवेक्षण के तहत उपभोक्ता मामले विभाग के एनआईसी प्रकोष्ठ द्वारा तैयार किया जाता है।
ग. मूल्य डाटा के स्रोत
विभाग द्वारा विकसित मोबाइल ऐप के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों के राज्य नागरिक आपूर्ति विभागों से प्रतिदिन 505 केंद्रों से 22 वस्तुओं के खुदरा और थोक मूल्य प्राप्त होते हैं। मूल्य डेटा की गुणवत्ता में सुधार के लिए, विभाग ने मूल्य रिपोर्टिंग केंद्रों द्वारा दैनिक कीमतों की रिपोर्टिंग के लिए दिनांक 01.01.2021 को एक मोबाइल ऐप - पीएमएस ऐप – का शुभारंभ किया। एक ड्रॉप-डाउन मेनू जिसमें उस राज्य के लिए संगत किस्म—उदाहरणार्थ मूंग साबुत या धुली मूंग, उड़द साबुत या स्प्लिट उड़द—रिपोर्टिंग में निरंतरता को सक्षम बनाता है। मोबाइल ऐप यह सुनिश्चित करता है कि रिपोर्टिंग वास्तविक बाजार स्थल से हो, क्योंकि डेटा को जियो-टैग किया जाता है जिससे वह स्थल प्रदर्शित होता है जहां से मूल्य डेटा की रिपोर्टिंग की जाती है। यह जियो-टैग्ड, टाइम-स्टैम्प्ड डेटा स्थैतिक सूचना की रिपोर्टिंग की संभावना को खारिज करता है। मोबाइल ऐप में औसत कीमत की गणना और रिपोर्ट करने के लिए एक अंतर्निहित सुविधा भी है। यह गणना में मानवीय त्रुटि की संभावना से बचाती है।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मूल्य रिपोर्टिंग केन्द्रों द्वारा संसूचित की गई कीमतों की परिशुद्धता की जांच करने के लिए फरवरी, 2021 से एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) और नेफेड की सेवाएं ली गई हैं। भारतीय खाद्य निगम के 162 मंडल कार्यालय और नेफेड के 17 क्षेत्रीय कार्यालय 11 खाद्य वस्तुओं – चावल, गेहूं, प्याज, आलू, टमाटर, चना, तूर, उड़द, मूंग, मसूर और चीनी की खुदरा कीमतों की दैनिक रिपोर्ट भेजते हैं। ये मूल्य रिपोर्टिंग केन्द्र पूरी तरह से मोबाइल एप्प के जरिए कीमतों के बारे में जानकारी देते हैं। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा संसूचित की गई खुदरा कीमतों की तुलना इस प्रकार एफसीआई और नेफेड के रिपोर्टिंग केन्द्रों द्वारा दैनिक आधार पर संसूचित की गई कीमतों से की जाती है। इससे राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़े और विधिमान्य हो जाते हैं।
घ. मूल्य रिपोर्टों को प्रस्तुत करना और प्रसार करना
दैनिक मूल्य रिपोर्ट में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- चुनिंदा 22 आवश्यक वस्तुओं की पिछले पांच दिनों का दैनिक खुदरा और थोक मूल्य जो एक सप्ताह पूर्व, एक माह पीछे और एक वर्ष पीछे के आधार पर हो; चार महानगरों अर्थात् दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और रांची में एक दिन, एक माह पीछे और एक वर्ष पीछे का खुदरा और थोक मूल्य।
- केन्द्रों से वस्तुओं का दैनिक खुदरा और थोक मूल्य
- एक पखवाड़े के दौरान केन्द्रों से प्राप्त चुनिंदा वस्तुओं के खुदरा और थोक मूल्य में अंतर
ड. अन्य संगत और संभावित मूल्य निर्धारकों की निगरानी
मूल्य निगरानी प्रभाग राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उन परिवर्तनों की भी निगरानी करता है जिनसे कीमतों पर प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। निगरानी किए जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के परिवर्तनों में थोक मूल्य सूचकांक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, भारत में प्रमुख सब्जियों के मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत में खाद्य और खाद्येतर वस्तुओं का वर्तमान और भावी मूल्य, प्रमुख फसलों का उत्पादन, विभिन्न फसलों के तहत फसलों का रकबा, आवश्यक वस्तुओं का भंडार, आवश्यक वस्तुओं का सरकारी अधिप्रापण, नेफेड से प्राप्त दालों के अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मूल्य और आवश्यक वस्तुओं के आयात और निर्यात शामिल होते हैं। निगरानी किए जाने वाले विश्व स्तर के परिवर्तनों में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य मूल्य सूचकांक, भिन्न-भिन्न देशों की उपभोक्ता मूल्य सूचियां, व्यापार और वस्तुओं के मूल्य से संबंधित आंकड़े और विश्व कृषि आपूर्ति – मांग अनुमान शामिल हैं।
च. मूल्य विश्लेषण और नीति हस्तक्षेप
मौजूदा मूल्य की स्थिति तथा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन किया जाता है और इसे नीति के स्तर पर समुचित कार्रवाई करने के लिए सचिवों की समिति (सीओएस), आर्थिक मामलों से संबंधित मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठकों के लिए तैयार की गई कार्य सूची पर टिप्पणियों के माध्यम से इन उच्च स्तरीय समितियों के संज्ञान में लाया जाता है। इस नोट में निम्नलिखित की समीक्षा की जाती है:
- थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति
- प्रमुख खाद्य फसलों का रकबा और उत्पादन
- आवश्यक वस्तुओं का मूल्य परिदृश्य
- गेहूं, चावल, चीनी, दालों, खाद्य तेलों, सब्जियों और दूध का वस्तुवार ब्यौरा जिसमें क्षेत्रीय और उत्पादन परिदृश्य, अधिप्रापण परिदृश्य, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मूल्य तथा वस्तु विशेष के लिए विश्व बाजार और व्यापार परिदृश्य शामिल होते हैं।
आर्थिक मामलों से संबंधित मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए)/सचिवों की समिति (सीओएस) में लिए गए निर्णय, उचित कार्रवाई करने के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों को संसूचित किए जाते हैं। इन बैठकों में लिए गए निर्णय संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा कार्यान्वित किए जाते हैं जिसे निर्णय के विषय-वस्तु की जिम्मेदारी दी जाती है। उपभोक्ता मामले विभाग (पीएमसी) संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा उन निर्णयों पर की गई कार्रवाई की निगरानी करता है और मंत्रिमंडल/सीसीईए/सीओएस के समक्ष कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
छ. बाजार हस्तक्षेप स्कीम
बाजार स्थिर करने के लिए बाजार हस्तक्षेप के लिए कार्यनीति पर निर्णय लेने में नियमित खुदरा मूल्य समीक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा यह सुनिश्चित करती है कि कमियां उपभोक्ताओं, विशेषकर जनसंख्या के कमजोर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती हैं। इस संदर्भ में, दाल और प्याज जैसी कुछ सब्जियों के लिए बाजार हस्तक्षेप क्रियाकलाप विशेष रूप से उल्लेखनीय है। ऐसी बाजार हस्तक्षेप स्कीमें जरूरत पड़ने पर, शुरू की जाती हैं।
ज. मूल्य स्थिरीकरण कोष (एएसएफ)
मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) की स्थापना उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने के लिए प्याज, आलू और दालें जैसी अभिज्ञात कृषि-बागवानी वस्तुओं में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति का समाधान करने के लिए ₹500 करोड़ की आरंभिक (कार्पस) से की गई थी। मूल्यों में नरमी लाने में सहायता के लिए विनियमित रिलीज के लिए इन वस्तुओं की खरीददारी तथा भंडारण किया जाता है। सरकार द्वारा ऐसे बाजार हस्तक्षेप से न केवल उचित बाजार संकेत भेजे जाने में सहायता मिलेगी बल्कि अव्यवहार्य/जमाखोरी क्रियाकलापों को भी रोका जा सकेगा।
झ. संसद प्रश्न एवं आरटीआई
उपरोक्त के अलावा, मूल्य निगरानी प्रभाग मूल्य तथा बाजार हस्तक्षेप स्कीम से संबंधित संसद प्रश्नों एवं आरटीआई को भी देखता है।