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आदर्श समझौता ज्ञापन (एमओयू)


उपभोक्ता मामले विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार और ग्रांटी संगठन के बीच कार्यकलाप करने के लिए समझौता ज्ञापन।

यह समझौता ज्ञापन दिनांक----- को नई दिल्ली में प्रथम पक्षकार उपभोक्ता मामले (खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय) उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली ने अपने संयुक्त सचिव (जिसे इसके बाद प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग कहा जाएगा’’यदि इस शब्द का अन्यथा अर्थ न दिया गया हो तो इसमें उत्तराधिकारी प्रतिनिधि और प्रशासक कहा जाएगा) की ओर से

और

दूसरे पक्षकार ग्रांटी, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860के तहत------- में पंजीकृत एक-गैर लाभकारी संगठन है। जिसका पंजीकृत कार्यालय-------पर स्थित है ने अपने अध्यक्षक (जिसे इसके बाद‘‘दूसरा पक्षकार कहा जाएगा’’यदि इस शब्द का अन्यथा अर्थ न दिया गया हो तो इसमें अत्तराधिकारी प्रतिनिधि और प्रशासक कहा जाएगा) के बीच किया गया।

और जबकि, दूसरे पक्षकार/ग्रांटी ने प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग से संपर्क किया कि दूसरे पक्षकार के पास विशिष्ट लक्ष्यों और उद्देश्यों वाली कुछ उपभोक्ता कल्याण परियोजना है। अत: उपभोक्ता कल्याण परियोजना के लक्ष्या और उद्देश्यों पर विचार करने के बाद, प्रथम पक्षकार इस बात पर सहमत हो गया कि इस संबंध में परियोजना को प्रथम पक्षकार के समर्थन की आवश्यकता होगी और जबकि दूसरे पक्षकार ने--------के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे उपभोक्ता कल्याण कोष नियम 1992 (जिसे इसके बादसी.डब्ल्यू.एफ नियम कहा जाएगा) के तहत स्थापित स्थायी समिति द्वारा उक्त कोष से परियोजना के वित्तपोषण के लिए अनुमोदित किया गया है जो सी डब्ल्यू एफ के पत्र संख्या---------दिनांक------ के तहत उक्त परियोजना के लिए अनुमोदित किया गया है।

दूसरे पक्षकार के प्रस्ताव के आधार पर, प्रथम पक्षकार उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ता कल्याण कोष द्वारा जारी दिनांक-------- के स्वीकृत पत्र सं.-------के अनुसार और प्रथम पक्षकार द्वारा जारी दिनांक-------- के स्वीकृत पत्र संख्या-------में दी गई शर्तों के अनुसार निधियों की रिलीज की तारीख ------------शुरु समय विस्तार की अवधि में-------रु. की अनुमति लागत पर--------- के लिए वित्तीय सहायता को प्रस्ताव को अनुमोदित और स्वीकृत कर दिया है।

परियोजना के प्राथमिक उद्देश्य हैं:-

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और जबकि प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग उपनी शर्त और सन्तुष्टि के अध्यधीन परियोजना के तहत कार्यकलापों को जारी रखने हेतु---------रु. की लागत का अनुदान स्वीकृत (जिसे इसके बाद‘‘ग्रांट’’कहा जाएगा) सहमत हो गया है कि ग्रांट को अपेक्षित उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाएगा और दूसरा पक्षकार दिनांक------के उक्त स्वीकृत पत्र---------में निर्धारित शर्तों का पालन करने के लिए सहमत हो गया है।

अब, अत: इसके बाद वायदों और पारस्परिक सहमति के विचार-विमर्श करने के बाद, दोनों पक्षकार इसके उपरांत निम्नानुसार सहमत हो गए हैं।

I. कारक का क्षेत्र और स्पष्टीकरण

इसके बाद इस करार में प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग और दूसरे पक्षकार की जिम्मेदारियों और दायित्वों के ब्यौरें हैं।

II. प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग की जिम्मेदारियां और दायित्व

(क) प्रथम पक्षकार दूसरे पक्षकार को रु. की वित्तीय सहायता (जिसे इसके बाद‘‘ग्रांट’’कहा जाएगा) प्रदान करेगा और-------लाख रु. की शेष राशि दूसरे पक्षकार द्वारा स्वयं उक्त परियोजना के लिए अपने अंशदान के रूप में परियोजना के तहत विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यकलापों के कार्यान्वयन के लिए छ: माह की अवधि (जिसे इसके बाद‘‘अवधि’’कहा जाएगा) के लिए इस शर्त पर दी जाएगी कि दूसरा पक्षकार दिनांक----के----उक्त स्वीकृति पत्र में निर्धारित शर्तों का पालन करने के लिए सहमत है।

(ख) प्रथम वर्ष के लिए (ग्रांट) का पचत्तर प्रतिशत समझौता ज्ञापन की निष्पादन तारीख से एक माह के अंदर देय होगा। शेष पच्चीस प्रतिशत (25%) उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और कार्यकारिणी समिति की सिफारिश पर रिलीज किया जाएगा।

(ग) प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग किसी भी प्रकार के दावों अथवा दायित्वों जो भी हो के लिए जिम्मेदार अथवा उत्तरदायी नहीं होगा जिसमें दूसरे पक्षकार द्वारा किसी स्तर पर और किसी प्रकार का संविदात गत रोजगार से उठने वाले दावों कर्मचारी के रोजगार मामले में उठाया गया हो।

(घ) प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग स्वीकृत परियोजना के कार्यकरण के संबंध में नियमित फीडबैक के लिए समवर्ती मूल्यांकन प्रणाली शुरु करेगा। दूसरा पक्षकार किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नही करेगा अथवा बाधा जो भी हो उत्पन्न नहीं करेगा।

(ड़) प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग कार्रकरिणी समिति के जरिए परियोजना के अंतर्गत आने वाले कार्यकलापों की प्रगति की आवधिक रूप से निगरानी करेगा। समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में होगी और अनुदानों की किस्त की परिणामी रिलीज की सिफारिश करेगी।

III. दूसरे पक्षकार की जिम्मेदारियां और उत्तरदायित्व

1. दूसरा पक्षकार निधियों की दूसरी किस्त की रिलीज के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा और निधियों की रिलीज उपयोग प्रमाण पत्र और ब्यय विवरण तथा कार्यकारिणी समिति की सिफारिश पर होगी, जिसका रिकार्ड दूसरे पक्षकार द्वारा रखा जाएगा।

2. दूसरा पक्षकार प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग की परियोजना में की गई प्रगति के बारे में तिमाही आधार पर सूचित करेगा।

3. दूसरा पक्षकार इस परियोजना के जरिए निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सहमत है।

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4. दूसरा पक्षकार सहमत भी है! निम्नलिखित को प्राप्त करने हेतु कार्य करने के लिए वायदा करता है।

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5. दूसरा पक्षकार यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ता कल्याण कोष से प्राप्त अनुदान में से अपेक्षित परिसम्पितयों को उपयुक्त रूप से संरक्षित और सुरक्षित रखा जाता है।

6. दूसरा पक्षकार, जहां भी लागू हो परिसम्पति रजिस्टर और अन्य दस्तावेज रिकार्ड रखने के लिए सहमत है। जो जब कभी उपर्युक्त अनुदानों में से प्राप्त की गई हो सभी परिस्म्पतियों को दिखाएगा और इनको उपयुक्त प्रक्रिया के जरिए सामान्य वित्त नियमों के अनुसार निपटाने के लिए और इनकी रसीद प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को जमा करवाने के लिए सहमत है।

7. दूसरा पक्षकार एतद्द्वारा सहमत है कि समय-समय पर रिलीज किए गए अनुदानों में से इसके द्वारा प्राप्त की गई परिसम्पति प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को परियोजना के किसी भी समय भी जो भी हो कारण, असफल होने पर वापिस लौटा दी जाएगी।

8. दूसरा पक्षकार सहमत है कि विचलन अथवा संशोधनों के मामलों में जो परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक है, इन विचलनों अथवा संशोधनों को इस उद्देश्य के लिए प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा स्थापित कार्यकारिणी समिति के उचित लिखित अनुमोदन के बाद ही कार्यान्वित किया जाएगा।

9. दूसरा पक्षकार सहमत है कि,

. इस परियोजना के लिए पृथक बैंक खाता खोलेगा।

. यह विभिन्न शीर्षों के तहत होने वाल वास्तविक व्यय और समय-समय परप्राप्त होने वाले राजस्व को उपयुक्त लेखे रखेगा और नियंत्रक महा लेखा परीक्षक अथवा कंपनी लॉ बोर्ड द्वारा पैनल में रखे लेखा-परीक्षकों के जरिए ऐसे लेखों की लेखा-परीक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध करेगा।

. यह परियोजना के लिए देय अगली किस्त का दावा करने से पहले उक्तपरियोजना के लिए प्रथम पक्ष्कार द्वारा पूर्व रिलीज किए गए अनुदान का 75%तक के व्यय के लिए लेखों की विधिवत लेखा-परिक्षित विवरण प्रस्तुत करेगा।

. यह प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के लिए कभी आवश्यकता हो तो प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा नियुक्त आंतरिक लेखा-परीक्षा दल को सभी संबंधित दस्तावेज, लेन-देनों और वाऊचर उपलब्ध कराएगा।

. यह परियोजना के लिए प्रथम पक्षकार द्वारा दिए गए अनुदान से प्राप्त सम्पतियों की बिक्री अथवा नीलामी की कार्रवाहियों की किसी भी प्रकार की रसीद प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को वापिस जमा करेगा किंतु राशि का उपयोग केवल परियोजना के लिए और अधिक धन कमाने के लिए उपयोग किया जा रहा हो।

. यह परियोजना के लिए अपने अंशदान के रूप में लाख रुपए जमा करेगा।

(10) दूसरा पक्षकार इस बात के सहमत है कि प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग किसी कानूनी विवाद अथवा अन्यथा जो दूसरे पक्षकार की तरफ से किसी कार्रवाई के कारण होता है, के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। कोई हानि, ऐसी कार्रवाईयों में होती है तो विशेषरूप से दूसरे पक्षकार द्वारा वहन किया जाएगा।

(11) (क) दूसरा पक्षकार परियोजना के तहत सभी कार्यकलापों के लिए स्थल सहित आधारभूत‘ढांचा’कम्प्युटर सहित कार्यालय उपकरण और सूचना संबंधी सुविधाएं और सेवाएं आदि प्रदान करेगा।

(ख) दूसरा पक्षकार प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को प्रतयेक वर्ष के अंत कार्यकलापों और विस्तृत कार्य-निष्पादन-सह कार्यकलापों की तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

(ग) दूसरा पक्षकार, ग्रांट की रिलीज प्राप्त करते समय उक्त परियोजना के लिए प्रथम पक्षकार द्वारा पूर्व में रिलीज की गई किस्तों के उपयुक्त उपयोग के सभी तर्कसंगत प्रमाण प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को प्रस्तुत करेगा।

(घ) दूसरा पक्षकार, जी एफ आर के अनुसार परियोजना के लिए सहायता अनुदान से संबद्ध सभी शर्तों का अनुपालन करेगा।

दूसरा पक्षकार जो कर्मवार प्रतिकार अधिनियम,1926 अथवा उसके वैधानिक संशोधनों अन्यथा के तहत दूसरे पक्षकार अथवा इसके ठेकेदारों/एजेंटों का रोजगार करते समय किसी कर्मवार अथवा अन्य व्यक्ति की किसी भी प्रकार की दुर्घटना अथवा चोट जब तक की ऐसी दुर्घटना अथवा चोट इस करार में संकलित परियोजना की परिधि के भीतर हुई हो, के परिणामस्वरूप किसी प्रकार के नुकसान अथवा क्षतिपूर्ति के संबंध किसी दावे के खिलाफ प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग की क्षतिपूर्ति करेगा।

(ड़) दूसरा पक्षकार दूसरा पक्षकार द्वारा अथवा उसकी ओर से किन्हीं कृत्यों अथवा त्रुटियों के कारण पेटंटो अथवा बौद्धिक पेटंटों अथवा बौद्धिक संपत्ति अधिकारों के उल्लंघनों के कारण होने वाली क्षति खर्चों और दावों के विरुद्ध प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग की रक्षा करेगा।

(च) दूसरा पक्षकार कार्यकारिणी समिति द्वारा लिए गए निर्णयों के अनुसार उत्पादों के परीक्षण के संबंध में सभी विनियामों का अनुपालन करने के लिए वचनबद्ध है।

IV. कार्यकलापों/लक्ष्यों के लिए समय सीमा

एमओयू
1. आधारभूत ढांचा और स्टॉफ आदि: एक माह के भीतर
2. तिमाही रोपोर्ट प्रत्येक तिमाही में अगले माह की 10 तारीख तक
3. कार्यनिष्पादन सह- कार्यकलाप रिपोर्ट प्रत्येक वित्तीय के अंत में एक माह के अंदर
4. हिंदी और अंग्रेजी में वार्षिक रिपोर्ट प्रत्येक आगामी वित्त वर्ष के सितम्बर तक
5. उपयोग प्रमाण पत्र और लेखा-परीक्षित लेखे: परियोजना अवधि की समाप्ति से 12 माह के अंदर।
6. कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक छ: माह में एक बार

V. निबंधन और शर्तें

निम्नलिखित व्यापक निबंधन और शर्तों पर दोनों पक्षकारो द्वारा पारस्पकि सहमति हुई।

(1) यह यहमति हुई है कि पथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग किसी भी समय बिना कोई कारण बताए जो भी हो, परियोजना को रद्द करने का अधिकार रखता है इस बात पर भी सहमति हुई है कि प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग का किसी भी प्रकार का दायित्व जो भी हो, नहीं होगा यदि परियोजना को इसके पूरा होने की अवधि से पहले ही समाप्त कर दिया जाता है

(2) (क) दूसरे पक्षकार द्वारा यह सहमति है कि भौतिक और बौद्धिक संपति सहित सभी परिसम्पतियां और दूसरे पक्षकार की परियोजना के लिए प्रथम प्रक्षकार द्वारा रिलीज किए गए अनुदान से सृजित पेंटे प्रथम पक्षकार उपभोक्ता मामले विभाग की सम्पति होगी और प्रथम पक्षकार उपभोक्ता मामले विभाग स्वयं उनका उपयोग कर सकता है अथवा इसके अनुरोध पर किसी को उपलब्ध करा सकता है। (ख) दूसरा पक्षकार उस पर कानूनी अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग को अपेक्षित सूचना दे सकता है।

(3) दूसरा पक्षकार इस पर भी सहमत है कि प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग किसी कानूनी विवाद अथवा अन्यथा के लिए उत्तरदायी नहीं होगा जो दूसरे पक्षकार के तीसरे पक्षकार (जो भी हो) के साथ कार्रवाई के कारण उठ सकते हैं।

(4) प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग समझौता ज्ञापन की तारीख से--------माह की अवधि के लिए सहायता देगा।

(5) समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी। समिति की अध्यक्षता उपभोक्ता मामले विभाग में संयुक्त सचिव पद के अधिकारी द्वारा किया जाएगा उपभोक्ता कल्याण कोष के निदेशक सदस्य सचिव होंगे जिसमें उपसचिव (वित्त) ओर अध्यक्ष और संबंधित संगठन के अध्यक्ष/नामित इसके सदस्य होंगे।

(6)कार्यकारिणी समिति इस समझौता ज्ञापन के तहत वास्तविक कार्यनिष्पादन की समीक्षा करेगी और इस परियोजना के तहत शुरू किए गए विशिष्ट कार्यकलापों के मूल्यांकन के लिए कम से कम तीन माह में एक बैठक करेगी।

अपरिहार्य घटना

VI. समझौता ज्ञापन की अवधि

i. यह समझौता ज्ञापन इसके हस्ताक्षर की तारीख से-------वर्षों की अवधि के लिए वैध होगी, जब तक कि दूसरे पक्षकार को स्वीकृत परियोजना संस्वीकृत अवधि की समाप्ति से पहले समाप्त की जाती है और अवधि को केवल लिखिल में और दोनों पक्षकारों की पारस्परिक सहमति से विस्तारित किया जा सकता है।

ii. यह सहमति है कि यदि प्रथम पक्षकार/दूसरा पक्षकार इस समझौता ज्ञापन की शर्तों का अनुपालन करने में असफल रहता है। उपभोक्ता मामले विभाग को समझौता ज्ञापन की अवधि की समाप्ति से पहले दूसरे पक्षकार को अनुदान रद्द करने का अधिकार रखता है।

iii. यह भी सहमति है यदि परियोजना के निधियन परियोजना अवधि के पूर्ण होने से पहले समाप्त हो जाती है तो कि प्रथम पक्षकार/उपभोक्ता मामले विभाग किसी देनदारी जो भी हो को उवगत नहीं करेगी।