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भारतीय मानक ब्यूरो


मानकीकरण, विश्व भर में राष्ट्रीय अर्थव्यमवस्था् के विकास के लिए अपरिहार्य है। गुणवत्ता के लक्ष्य मानकीकरण द्वारा तय किए जाते हैं। इस कार्य में सामान्य्तया मानकों के प्रतिपादन, निर्गमन और कार्यान्वायन की प्रक्रिया शामिल होती हैं। मानक हमेशा ही आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान बारिकी से जुड़े रहे हैं। भारतीय मानक ब्यूकरो ने अनेक तरीकों से- सुरक्षित, विश्वासनीय, गुणवत्तार वाली वस्तुएं प्रदान करके, उपभोक्ताओं के स्वाास्य्ओं के लिए खतरे को कम करके; निर्यात और आयात विकल्पों के संवर्धन; विभिन्नर किस्मोंा की प्रचुरता पर नियंत्रण- अर्थव्यकवस्थार को अनुकरणीय और ठोस लाभ पहुंचाए हैं।
भारतीय मानक ब्यू्रो जो भारत का राष्ट्रीकय मानक निकाय है, 1947 से देश में मानक आन्दोीलन का सफलतापूर्वक संवर्धन और पोषण कर रहा है। भारतीय मानक ब्यूीरो संसद के 26 नवम्बर, 1986 के एक अधिनियम के माध्यम से 1 अप्रैल, 1987 को अस्तित्व में आया। इसने मानकीकरण के सुमेलित विकास, वस्तुमओं के मोहरांकन एवं गुणता प्रमाणन तथा उससे सम्बसद्ध अथवा आनुषांगिक मामलों के लिए विस्ताारित कार्यक्षेत्र और बढ़ी हुई शक्तियों के साथ पूर्व भारतीय मानक संस्थाषन के कर्मचारियों, परिसम्पि्त्तियों, जिम्मेयदारियों और कार्यों को अपने हाथ में लिया। उपभोक्ता्ओं के साथ-साथ उद्योग के हित को ध्याीन में रखते हुए, भारतीय मानक ब्यूररो निम्न्लिखित विभिन्न् गतिविधियों में संलग्नय है:

  • क. मानक प्रतिपादन
  • ख. प्रमाणन: उत्पा्द, हॉलमार्किंग और प्रणालियां
  • ग. विदेशी विनिर्माता स्की्म
  • घ. पंजीयन स्कीरम
  • ङ. परीक्षण और अंशांकन सेवाएं
  • च. भारतीय मानकों तथा अन्या प्रकाशनों की बिक्री
  • छ. अन्तीर्राष्ट्रीनय गतिविधियां
  • ज. आई-केयर गतिविधियां (उपभोक्तागओं और उद्योग के लिए)
  • झ. संवर्धनात्मोक गतिविधियां
  • ञ. प्रशिक्षण सेवाएं
  • ट. सूचना सेवाएं
  • ठ. वित्तीसय: संसाधन- जुटाना और उपयोग
  • ड. व्यातपार सुविधा कक्ष
  • ढ. पुस्तीकालय सेवाएं



भारतीय मानक ब्यूरो का मुख्याभलय नई दिल्ली में है और इसके 5 क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता (पूर्वी क्षेत्र), चेन्नाई (दक्षिणी क्षेत्र), मुम्बेई (पश्चिमी क्षेत्र), चण्डीपगढ़ (उत्तउरी क्षेत्र) और दिल्ली (मध्यए क्षेत्र) में है। क्षेत्रीय कार्यालय के अधीन शाखा कार्यालय है जो अहमदाबाद, बंगलौर, भुवनेश्वपर, भोपाल, कोयम्ब।टूर, देहरादून, फरीदाबाद, गाजियाबाद, हैदराबाद, जयपुर, कोच्चि, लखनऊ, नागपुर, परवाणू, पटना, पुणे, राजकोट, रायपुर, दुर्गापुर, जमशेदपुर और विशाखापत्तानम में स्थित हैं। ये शाखा कार्यालय अपने-अपने क्षेत्र के उद्योग को प्रमाणन सेवाएं प्रदान करते हैं तथा राज्यद सरकारों, उद्योगों, तकनीकी संस्थाकनों, उपभोक्ताा संगठनों, आदि के बीच प्रभावी संपर्क सूत्र के रूप में कार्य करते हैं।

मानक प्रतिपादन

मानक प्रतिपादन के एक शीर्ष निकाय के रूप में भारतीय मानक ब्यूकरो के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने कार्यकरण और विभिन्न् पणधारियों के साथ संबंधों में गुणात्मरक परिवर्तन लाने में एक उत्कृकष्टवता केन्द्रण की छवि बनाना है। भारतीय मानक ब्यू्रो ने 500 से अधिक सुयोग्यर तकनीकी और वैज्ञानिक कार्मिकों तथा मानकीकरण के कार्य से स्वैनच्छा। से जुड़े 25,000 से अधिक विशेषज्ञों के साथ देश की अर्थव्यंवस्थाण की सुव्यैवस्थित उन्नेति में अत्य5न्तध सार्थक और बहुमूल्यन योगदान दिया है। भारतीय मानक ब्यूारो ने अब तक प्रौद्योगिकी के विभिन्नन क्षेत्रों में 19,000 से अधिक मानक प्रतिपादित कर लिए हैं, जिनसे उद्योग को अपनी वस्तुतओं और सेवाओं की गुणवत्तार के उन्न यन में सहायता मिलती है।
वैश्वी्करण के बदलते हुए परिप्रेक्ष्यप में नए मानकों का प्रतिपादन और कार्यान्वनयन, औद्योगिक घरानों और सेवा प्रदाताओं के साथ सम्पहर्क तथा उपभोक्तावओं में जागरूकता पैदा करना अनिवार्य हो गया है।
एक नीति के रूप में, भारतीय मानक ब्यू रो के मानक प्रतिपादन कार्य को अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ.) द्वारा यथा निर्धारित संगत दिशा-निर्देशों के साथ सुमेलित किया गया है। भारतीय मानक ब्यूआरो ने ‘’मानकों के निर्माण, अंगीकरण और अनुप्रयोग के लिए अच्छीे पद्धति संहिता’’ का एक हस्तातक्षरकर्ता होने के नाते, अपनी मानक प्रतिपादन प्रक्रिया को भी तद्नुसार तैयार किया है।

उत्पाहदन प्रमाणन

भारतीय मानक ब्यू रो की उत्पा’दन प्रमाणन स्कीाम विश्व में एक सबसे बड़ी स्कीनम है जिसमें 900 से अधिक उत्पा्दों के लिए 26,500 से अधिक लाईसेंस दिए गए हैं। यह 58 वर्ष से अधिक समय से अस्तित्वप में है। यह लाईसेंस धारकों को अपने उत्पािदों पर लोकप्रिय आई.एस.आई चिह्न के प्रयोग की अनुमति देता है जो उत्पासदों की गुणवत्ताप का पर्यायवाची है। 90 उत्पा्द अनिवार्य प्रमाणन के अधीन हैं। भारतीय मानक ब्यूपरो विदेशी विनिर्माता प्रमाणन स्कीकम भी चलाता है जिसके तहत विदेशी विनिर्माताओं को भारतीय मानक ब्यूररो के मानक चिह्न के प्रयोग के लिए लाईसेंस मंजूर किया जाता है। इस समय 40 विभिन्नो देशों में 50 से अधिक भारतीय मानकों के लिए 350 से अधिक लाईसेंस मंजूर किए गए हैं।

अन्य कदम

सभी पणधारियों, खास तौर पर उपभोक्तारओं, उद्योग और बाजार के साथ प्रभावी संलग्नमता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आई-केयर प्रोग्राम शुरू किया गया है। आई-केयर प्रोग्राम का उद्देश्यल उद्योगों के साथ संपर्क बढ़ाना भी है ताकि उनकी समस्यारओं का समाधान हो सके और उनको भारतीय मानक ब्यूपरो से लाईसेंस लेने के लिए आगे आने हेतु प्रोत्सा हित किया जा सके।
उपभोक्ता संगठनों की मान्यता के लिए एक स्की्म शुरू की गई है जो उपभोक्ताा संरक्षण/जागरूकता के लिए भारतीय मानक ब्यूनरो की तरफ से कार्य करेगी।
सार्वजनिक नमूनों के परीक्षण के लिए एक स्की म शुरू की गई है जिसके द्वारा आम उपभोक्ता आई.एस.आई. मोहर वाले उत्पाूद की गुणवत्ताक की पुन: पुष्टि के लिए भारतीय मानक ब्यूउरो द्वारा परीक्षित आई.एस.आई. मोहर वाला उत्पागद प्राप्तक कर सकता है।

स्वारस्य्े के लिए खतरा; सुरक्षा; पर्यावरण; छोटे पैमाने से बड़े पैमाने के उद्योग से उत्पारदनों; उत्पाीद के लिए समग्र रूप से उद्योग की परिपक्वोता के रूप में उत्पापदों के वर्गीकरण पर आधारित प्रमाणन स्कीपमें शुरू की गई है। इलैक्ट्रा निक्से और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यथा अधिसूचित 15 इलेक्ट्रा निक्सल और सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाादों के लिए पंजीकरण स्कीाम शुरू की गई है तथा भारत और विदेशों में 700 से अधिक विनिर्माताओं को पंजीकरण की मंजूरी दी गई है।
अनिवार्य प्रमाणन के अधीन आने वाले उत्पाादों के लिए भारतीय मानक ब्यूंरो से तेजी और आसानी से लाईसेंस की मंजूरी हेतु तत्कालल स्कीपम शुरू की गई है।
लाईसेंसों का तीन श्रेणियों अर्थात् स्टाार लाईसेंस, सामान्यो लाईसेंस और सीमान्तण लाईसेंस में वर्गीकरण शुरू किया गया है जिसके द्वारा लाईसेंसधारी का मूल्यांजकन उसके कार्य निष्पातदन के आधार पर किया जाता है और सीमान्त लाईसेंसों की तुलना में स्टालर और सामान्यज के संबंध में कम निगरानी निरीक्षण किए जाते हैं।

छोटे जौहरियों के लिए जौहरी की अवस्थिति के आधार पर लाईसेंस शुल्क को सुसंगत बनाया गया है और भारतीय मानक ब्यूौरो से लाईसेंस लेने हेतु अधिक जौहरियों को प्रोत्सासहित करने के लिए लाईसेंस मंजूर करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।