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सचिव


श्री रोहित कुमार सिंह
श्री रोहित कुमार सिंह

सचिव

जीवन-परिचय

राजस्थान कैडर - 1989 बैच

सचिव, उपभोक्ता मामले विभाग - 31 दिसंबर, 2021 से

श्री रोहित कुमार सिंह 1989 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यभार ग्रहण करने से पहले क्लार्कसन विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरीका से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नाकोत्तर (मास्टर्स) पूरा किया। तत्पश्चात्, उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरीका से मास्टर्स इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एमपीए) किया। आईआईटी-बीएचयू में, उनको वर्ष 1982 और 1983 में डायरेक्टर्स आउटस्टेंडिंग मेरिट अवार्ड और हाल ही में दिसंबर, 2021 में प्रतिष्ठित पूर्व-छात्र पुरस्कार प्राप्त हुआ। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में, उनको उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन और लोक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता के लिए लुसियस एन. लिट्टेयर फेलो 2004 के रूप में सम्मानित किया गया।

उन्होंने भारत सरकार और राजस्थान राज्य में व्यापक स्तर पर कार्य किया है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग, चिकित्सा और स्वास्थ्य, गृह, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, वाणिज्यिक कर, शहरी अवसंरचना विकास, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास, संस्कृति और सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभागों में मध्य और वरिष्ठ स्तर पर नेतृत्व प्रदान किया है। उन्होंने सार्वजनिक और निजी भागीदारों के बीच उचित जोखिम आबंटन के जरिए हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल जैसे प्रमुख नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के पुनरूद्धार की सरकार की पहल का नेतृत्व किया। उन्होंने सार्वजनिक वित्त पोषित राष्ट्रीय राजमार्गों (टोल ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल) के परिसंपत्ति पुनर्चक्रण की पहल का भी सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप राजमार्ग क्षेत्र में 1.5 बिलियन अमेरीकी डालर का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ, जो भारत में प्रथम सफल परिसंपत्ति मुद्रीकरण में से एक है। वर्ष 2020 में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान, राजस्थान में चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में, उन्होंने पूरे राजस्थान में ग्रामीण और शहरी हॉट स्पॉट में कोविड-19 की वृद्धि को सफलतापूर्वक रोकने के लिए "सख्त नियंत्रण (रूथलेस कंटेनमेंट)" के भीलवाड़ा मॉडल को विकसित और कार्यान्वित किया।